लगभग सभी प्रकार के किडनी स्टोंस के पेशेंट डाइट में परिवर्तन करके और पानी की मात्रा बढाकर स्टोन बनने का रिस्क कम कर सकते र्हैं|

किडनी स्टोन के पेशेंट में निम्नलिखित परिवर्तन जरूरी है?
1. पानी अथवा तरल पदार्थ की मात्रा ज्यादा ले.
2. नमक का सेवन कम करें.
3. माँसाहारी भोजन का सेवन कम करें
4. अधिक मात्रा में कैल्शियम या कैल्शियम सप्लीमेंट न ले
5. खाने में oxalate से भरपरू सब्जियों का सेवन थोडा कम करें

Water or liquid intake ( पानी अथवा तरल पदार्थ)
किडनी स्टोन पेशेंट को बहुत ज्यादा पानी अथवा तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है. ज्यादा पानी पीने से यूरिन पतला (dilute) होता है, जिससे ऐसे केमिकल जिससे स्टोन बनता उनकी है सघनता कम हो जाती है. इससे स्टोन बनने के risk कम हो जातें हैं ज्यादा पानी पीने से पेशाब बार बार आता है पेशाब किडनी में रुकता नही है इससे स्टोन बनाने वाले कैमिकल यूरिन से फ्लश आउट हो जातें हैं ज्यादा पानी पीने के और भी कई सारे फायदे होते र्हैं जैसे आपकी त्वचा स्वस्थ रहती है, सजगता (alertness) बढती है. कब्जियत की परेशानी नही होती हैं और यह वजन कम करने में भी मदद करता है.

आमर्तौर पर एक स्वस्थ आदमी डेढ से 2 लीटर पानी पीता है और 1.2 से 1.5 लीटर तक यूरिन बनाता है. किडनी स्टोन वाले मरीज को यह सलाह दी जाती है कि वह इतना पानी पिए कि कम से कम 2 से ढाई लीटर पेशाब बने इसके लिए ठंड के समय में करीब 3 से 4 लीटर पानी पीना पड़ता है और गर्मियों में करीब 4 से 5 लीटर. लंबे समय के लिए शरीर में पानी की कमी या डिहाइड्रेशन से बचना चाहिए अगर बाहर ऐसे क्लाइमेट में आप जाते हैं जहा पे पसीना बहुत ज्यादा रहता है तो समय-समय पर लिक्विड या पानी पीते रहना चाहिए. रात में भी एक दो गिलास पानी पीकर सोना चाहिए क्योंकि सोने के समय आप करीब 8 से 10 घंटे पानी नही पीतें है. एक रिसर्च में साबित हो चुका कि है कि जो लोग ढाई लीटर से ज्यादा पानी पीते र्हैं उनमें स्टोन बनने का risk 50% कम होता है.

कौन सा लिक्विड ले?
आप किस तरह का तरल पदार्थ पीते र्हैं यह उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना कि उसकी मात्रा पानी इसलिए रिकमेंड किया जाता है क्योंकि इसमें कोई कैलोरीज नहीं होती और यह सस्ता होता है ऐसे पेशेंट जिन्हें पानी पीना अच्छा नहीं लगता है, दूसरे पेय पदार्थ भी ले सकते है |

ऐसा रिसर्च में देखा गया है कि, कॉफी, चाय और एल्कोहलिक ड्रिंक किडनी स्टोन के risk को कम करती है लेकिन अधिक मात्रा में यह सारे पदार्थ नही लिए जा सकते क्योंकि स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक हो सकते हैं. इस लिए पानी ही सबसे अच्छा विकल्प है

दुध (milk)कितना लें?
दुध आप रोज एक से डेढ glass ले सकते हैं इसके सेवन से स्टोन का रिस्क नहीं बढता है हमारे डाइट में कैल्शयम का एकमात्र source दुध होता है. अगर दुध या दुध से बनी चीजें बिलकुल बंद कर दी जाए तो शरीर में कैल्शयम की मात्रा कम हो जाती है और हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं उल्टा किडनी स्टोन के बनने का रिस्क भी बढ जाता है. रोज एक गिलास दुध कैल्शयम देता है और पथरी का रिस्क भी कम करता है|

नींबू और संतरे का जूस
नींबू और संतरे के जूस में साइट्रेट(citrate) होता है जो कि स्टोन inhibitor होता है और यह स्टोन बनने का रिस्क कम करता है. खाने में लिया गया साइट्रेट, ऑक्सलेट और फास्फेट से कंबाइन करता है ऑरेंज और (intestine) से अवशोषित होने में कमी करता है जो कि स्टोन बनने के लिए जरूरी है

नींबू जसू को पानी के साथ लिया जा सकता है इससे यूरिन साइट्रेट का लेवल बढता है और कैल्शयम का कम होता है किडनी स्टोन को बनने से रोकने के के लिए डॉक्टर पोटेशियम साइट्रेट सिरप देते है अगर मरीज चाहे |

इसमें नींबू या संतरे का रस भी ले सकते है जिसमें साइट्रेट ज्यादा होता है 60 ml नींबू का रस 1 लीटर पानी में घोलकर मिलाया जा सकता है.

नमक का सेवन
बहुत अधिक नमक का सेवन यूरिन में कैल्शयम की मात्रा बढा देता है और citrate की मात्रा कम कर देता है. इससे स्टोन बनने का रिस्क बढता है इसलिए डाइट में अत्यधिक नमक का सेवन सही नहीं है सलाद, अचार, दही, पापड, potato chips डिब्बाबंद खाने के आइटम इतयादी का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिंए.

कम नमक खाने के और भी फायदे हैं जैसे कि यह हाई बीपी को कंट्रोल करता है इससे हार्ट की बीमारी, लकवा, हार्ट फेल और किडनी की बीमारी कम होती है |

मांसाहारी भोजन
खाने में अत्यधिक मांस का सेवन यूरिन में कैल्शयम, oxalate और यूरिक एसिड का लेवल बढा देता है यह तीनों चीजें स्टोन बनने का रिस्क बढा देती रिसर्च में यह पाया गया है ऐसे लोग जो मांस का सेवन अधिक करते हैं उनमें स्टोन बनने के चांस ज्यादा होता है प्रतिदिन मांसाहारी भोजन करने से बचना चाहिए खाने में मांसहारी भोजन का कम होना और फलों और सब्जियों की भरपरू मात्रा सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छी मानी जाती है, क्योंकि इससे खाने में सैचरेटेडु फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है जो कि हमारे हार्ट के लिए सेहतमंद है|

Oxalate यवतु भोजन
लगभग 80% से भी ज्यादा स्टोन कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन होता है लेकिन डाइट में oxalate युक्तु पदार्थ की मात्रा कम करने पर भी कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन बनने से कम होना मुश्किल होता है इसका मख्यु कारण यह है कि करीब 40% यूरीनरी oxalate ही डाइट से आता है बाकी का 60% लीवर से बनता है यह कई सारी सब्जियों और फलों में पाया जाता है इसमें से कई सारे डेली रूटीन के फल और सब्जियाँ है इसलिए

डाइट में oxalate को पूरी तरीके से कम करना मुश्किल हो जाता है डाइट में oxalate कम करना उन मरीजों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, जिनमें यूरिन में बहुत ज्यादा oxalate की मात्रा होती है.
ऑक्सलेट युक्तु पदार्थ निम्नलिखित है :- चाय, पालक, चुकंदर, चाकलेट, मीठा आलू इत्यादि |

कैल्शियम कितना लें?
आमतौर पर यह भ्रांति बहुत ज्यादा प्रचलित है कि स्टोन में कैल्शयम होता, इसलिए खाने में कैल्शयम बिलकुल बंद कर देना चाहिए रिसर्च में यह देखा गया है कि अगर आप खाने में कैल्शयम की मात्रा बहुत कम कर दे या बंद कर दें तो स्टोन बनने का रिस्क कम होने के बजाय बढ जाता है डाइट में कैल्शयम ना लेने से यह शरीर की हड्डडयों से कैल्शयम निकलने लगता, ताकि खनू में कैल्शयम की मात्रा बराबर बनी रहे. इससे हड्डियाँ भी कमजोर होजाती है. खाने में लिया गया कैल्शयम, कैलशयम टेबलेट से ज्यादा बेहतर कैल्शयम का source होता है |

किडनी स्टोन वाले पेशेंट को हम recommend करतें हैं कि आप अपना कैल्शयम की मात्रा नार्मल ही रखें दिन में एक या दो गिलास दुध पिने से स्टोन का रिस्क नही बढता है. डाइट में कैल्शयम लेना आवकयक है कैल्शयम नहीं लेने से ऑस्टीयोपोरोसिस( हड्डियाँ कमजोर होने की बीमारी) का रिस्क बढ जाता है |

संक्षेप में मैं यहीं कहना चाहूँगा कि किडनी स्टोन रोकने के लिए कोई स्पेशल डाइट नहीं है लेकिन ऊपर के कुछ बातों को ध्यान में रखें किडनी स्टोन बनने की risk को कम किया जा सकता है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है, अधिक मात्रा में पानी पीना(लगभग 3 से 4 लीटर)|

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